नई दिल्ली, 13 अप्रैल 2024: कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत! 1 अप्रैल 2024 से लागू हुए नए नियमों के तहत, अब नौकरी बदलते समय पीएफ का पैसा अपने आप ट्रांसफर हो जाएगा। पहले, कर्मचारियों को पीएफ ट्रांसफर के लिए फॉर्म भरकर जमा करना होता था, जो एक जटिल और समय लेने वाली प्रक्रिया थी।
नए नियमों में क्या बदलाव हुआ है?
- ऑटोमैटिक ट्रांसफर: अब नौकरी बदलते समय कर्मचारी को पीएफ ट्रांसफर के लिए कोई फॉर्म नहीं भरना होगा।
- सुगम प्रक्रिया: नए नियमों के तहत, पीएफ ट्रांसफर की प्रक्रिया को आसान और सुगम बनाया गया है।
- समय की बचत: ऑटोमैटिक ट्रांसफर से कर्मचारियों का समय और प्रयास बचेगा।
पीएफ राशि की गणना कैसे करें?
रिटायरमेंट पर कर्मचारियों को मिलने वाली पीएफ राशि में उनका अपना योगदान, नियोक्ता का योगदान और दोनों योगदानों पर अर्जित ब्याज शामिल होता है।
उदाहरण:
मान लीजिए कि किसी कर्मचारी का मूल वेतन और महंगाई भत्ता ₹15,000 प्रति माह है और ब्याज दर 8.25% प्रति वर्ष है।
1 महीने की पीएफ राशि की गणना:
- कर्मचारी का योगदान: (12% x ₹15,000) = ₹1800
- नियोक्ता का योगदान: (3.67% x ₹15,000) + (8.1% x ₹15,000) = ₹3255
- कुल योगदान: ₹1800 + ₹3255 = ₹5055
- 1 महीने का ब्याज: (₹5055 x 8.25% / 12) = ₹34.46
- कुल मासिक पीएफ: ₹5055 + ₹34.46 = ₹5089.46
वार्षिक पीएफ राशि:
- कर्मचारी का योगदान: ₹1800 x 12 = ₹21,600
- नियोक्ता का योगदान: ₹3255 x 12 = ₹39,060
- कुल योगदान: ₹21,600 + ₹39,060 = ₹60,660
- वार्षिक ब्याज: (₹60,660 x 8.25% / 12) = ₹414.75
- कुल वार्षिक पीएफ: ₹60,660 + ₹414.75 = ₹61,074.75
नए नियमों के फायदे:
- सुविधा: कर्मचारियों को पीएफ ट्रांसफर के लिए फॉर्म भरने की आवश्यकता नहीं होगी।
- समय की बचत: ऑटोमैटिक ट्रांसफर से कर्मचारियों का समय बचेगा।
- पारदर्शिता: पीएफ ट्रांसफर की प्रक्रिया में अधिक पारदर्शिता होगी।
- त्रुटियां कम होंगी: मैनुअल फॉर्म भरने में होने वाली त्रुटियां कम होंगी।
नए नियमों के तहत पीएफ ट्रांसफर की प्रक्रिया को आसान और सुगम बनाया गया है। यह कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत है और इससे उन्हें समय और प्रयास बचेगा।