पिछले काफी समय से देश भर में पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Scheme) यानी ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) को फिर से लागू करने की मांग हो रही है. इसको लेकर पूरे देश में राष्ट्रीय स्तर पर आंदोलन चल रहा है.

चुनावी रैली में मांग में वृद्धि

जब-जब चुनावी सीजन करीब आता है, इसकी मांग और तेज हो जाती है. एक तरफ सरकार जहां पुरानी पेंशन को लागू किए जानें के पक्ष में नजर नहीं आ रही है, वहीं, चुनावी माहौल में विपक्षी पार्टियां पुरानी पेंशन व्यवस्था (Old Pension System) की बहाली पर लगातार सियासत करती आई हैं.

क्या हो सकता है आगे?

ऐसे में क्या लोकसभा चुनाव को देखते हुए केंद्र की मोदी सरकार कर्मचारियों की मांग को ध्यान में रखते हुए एक बार फिर से पुरानी पेंशन को वापस ला सकती है?

सरकार की दिशा प्रति विस्तार

ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) को लेकर सरकार ने अपना रुख एक बार फिर साफ कर दिया है. लोकसभा में ओल्ड पेंशन स्कीम की बहाली के इस मुद्दे पर किए गए सवाल के जवाब में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि सरकार के पास ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है.

RBI का संदेश: वित्त दबाव बढ़ सकता है

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने भी पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Scheme) यानी ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) को लेकर आगाह किया है. RBI ने कहा है कि इसे लागू करने से राज्यों के वित्त पर काफी दबाव पड़ेगा और विकास से जुड़े खर्चों के लिए उनकी क्षमता सीमित होगी.

FAQs:

1. पुरानी पेंशन योजना क्या है? पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Scheme) सरकार द्वारा साल 2004 से पहले कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद एक निश्चित पेंशन प्रदान करने वाली योजना थी.

2. OPS के फायदे क्या हैं? OPS में रिटायर्ड हुए कर्मचारी को उनके वेतन की आधी राशि पेंशन के रूप में मिलती है, मृत्यु के बाद परिजनों को भी पेंशन मिलती है, और कोई भी तरह की कटौती नहीं होती है.

3. सरकार क्या कह रही है? सरकार ने कहा है कि उसके पास पुरानी पेंशन योजना को फिर से लागू करने का कोई प्रस्ताव नहीं है।

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