53 सालों से चले आ रहे लाक्षागृह और मजार विवाद में यूपी की बागपत कोर्ट ने 5 फरवरी 2024 को एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया। इस फैसले से बरनावा में स्थित 100 बीघा से ज्यादा जमीन का मालिकाना हक हिंदू पक्ष को दे दिया गया है। मुस्लिम पक्ष इस जमीन को कब्रिस्तान और मजार बता रहा था, लेकिन कोर्ट ने सभी साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर साबित हो गया कि यह महाभारत कालीन लाक्षागृह है, जो कभी हिंदुओं के लिए एक बड़ा तीर्थस्थल था।

इस फैसले के बाद इलाके में भारी सुरक्षा बल तैनात कर दिया गया है। कई थानों की पुलिस फोर्स को लाक्षागृह की सुरक्षा में लगाकर इस इलाके को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। अधिकारियों ने वहां पर पुलिस को मुस्तैद रखा है और लाक्षामंडप में भारी संख्या में पुलिसकर्मियों और पीएसी जवानों को तैनात किया गया है।

53 सालों से चल रहे केस में आया फैसला

बरनावा में लाक्षागृह की जमीन को लेकर पिछले 53 सालों से ये विवाद चल रहा था और 1970 से इस मामले में सुनवाई चल रही थी। मुस्लिम पक्ष इस जमीन को सूफी संत शेख बदरुद्दीन की मजार बताता था, तो वहीं, हिंदू पक्ष ने दावा किया था कि यह महाभारत कालीन लाक्षागृह है। इस जगह पर कौरवों ने पांडवों को जलाकर मारने की कोशिश की थी। एएसआई ने वहां पर खुदाई की थी, जिसमें हजारों साल पुराने साक्ष्य मिले थे, वहां पर टीले के नीचे एक सुरंग भी मिली थी।

हिंदू पक्ष के वकील रणवीर सिंह तोमर ने इस मामले में कहा कि:

“कोर्ट ने इस मामले में कहा कि- यह कब्रिस्तान नहीं, बल्कि लाक्षागृह है और महाभारत काल का ही है। मौके पर जो प्राचीन चिन्ह मिले हैं, उससे ये साफ हो गया है कि यह कब्रिस्तान नहीं है। जब मुगल शासक यहां पर राज कर रहे थे तो उन्होंने इसकी तोड़फोड़ करके जो चाहा वो कर लिया।”

गवाही और साक्ष्यों से कोर्ट को पता चला कि यह वास्तव में कब्रिस्तान नहीं है। यहां पर पांडव आए थे और कौरवों ने उनको जलाकर मारने के लिए एक लाखामंडप बनाया था। रेवेन्यू कोर्ट में भी है लाखामंडप दर्ज है। ये जगह प्राचीन समय से ही हिंदुओं के लिए एक तीर्थस्थल रही है।

इस फैसले से हिंदू पक्ष में खुशी की लहर है, वहीं मुस्लिम पक्ष निराश है। मुस्लिम पक्ष ने इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करने की बात कही है।

यह फैसला देश में धार्मिक स्थलों के विवादों को लेकर एक महत्वपूर्ण फैसला माना जा रहा है। यह फैसला भविष्य में ऐसे विवादों को सुलझाने में मददगार होगा।

यहां कुछ महत्वपूर्ण बातें हैं:

  • कोर्ट ने हिंदू पक्ष को 100 बीघा जमीन का मालिकाना हक दिया है।
  • मुस्लिम पक्ष इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करेगा।
  • यह फैसला देश में धार्मिक स्थलों के विवादों को लेकर एक महत्वपूर्ण फैसला माना जा रहा है।

Recent Posts

Ganesh Meena is a digital marketing expert and content...