हमारे देश में भीलवाड़ा को टेक्सटाइल सिटी कहा जाता है, लेकिन अब यहां कपड़ों के अलावा खेती में भी नए प्रयोग देखने को मिल रहे हैं. इस समय, भीलवाड़ा में इजरायली तकनीक से बिना मिट्टी और पानी के खेती की जा रही है, जिससे देश-विदेश की 30 तरह की सब्जियों और फलों की खेती हो रही है. इस नए प्रयोग से किसानों को भीलवाड़ा के अलावा दिल्ली, गुजरात और मुंबई जैसे शहरों में अपने उत्पादों की बेहतर मार्गदर्शन मिल रहा है, जिससे उन्हें बड़ा मुनाफा हो रहा है. इस तकनीक की खास बात ये है कि इसके माध्यम से ऑफ सीजन में भी सभी तरह की सब्जियां उगाई जा सकती हैं.

क्या है इस तकनीक की खासियत?

इजरायली तकनीक से होने वाली इस खेती में सबसे पहले एग्रीक्लचर फार्म में एक स्टेंड बनाया जाता है, जिससे इसमें लगातार पानी बहता रहे और पौधों को पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम, मैग्नीशियम, सल्फर और आयरन जैसे पोषक तत्व मिलते रहें. इस विधि से 80 प्रतिशत तक पानी की बचत हो जाती है. खेती की इस तकनीक में फार्म हाउस का तापमान 15 से 32 डिग्री सेल्सियस तक रखा जाता है.

फार्मिंग में किए जा रहे नवाचार

संगम यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रो. करुणेश सक्सेना ने बताया कि हमने एग्रीक्लचर फार्म में एक नवाचार किया है, जिसमें मिट्टी की जगह नारियल के भूसे से बनाए कोकोपिट का उपयोग किया जाता है. हम इस तकनीक के माध्यम से छात्रों को शिक्षित भी कर रहे हैं, जिससे भविष्य में उन्नत खेती की जा सके. हम चाहते हैं कि कृषि को एक व्यावसायिक दर्जा प्रदान कर ज्यादा से ज्यादा उत्पादन बढ़ा सकें. इसलिए हम लगातार नए प्रयोग कर रहे हैं.

एग्रीक्लचर फार्म की देखरेख करने वाले विक्रम सिंह का कहना है कि ये तकनीक इजरायल से ली गई है. इसमें हम कम जगह और पानी में कैसे उत्पादन बढ़ाएं, इस बारे में रिसर्च कर रहे हैं. हमने यहां पर टमाटर, स्ट्रॉबेरी, कुकुम्बर के साथ कई फसलें लगाई हैं, जिसके हमें काफी अच्छे परिणाम देखने को मिले हैं.

इस फार्म में खेती की इस नई तकनीक को सीख रहे छात्र पायल विजयवर्गीय और पूजा गुर्जर ने बताया कि हमने यहां पर कोकोपिट में कुकुम्बर के पौधे लगाए हैं. पहले इन पौधों को नर्सरी में तैयार किया जाता है उसके बाद यहां पर लगाए जाते हैं. हर पौधे में 4 से 5 किलो कुकुम्बर उगते हैं. वहीं, एक छात्र अमन कुमार का कहना है कि हम यहां पर स्वॉइय फार्मिंग कर रहे हैं. ये खेती बिना मिट्टी के सिर्फ पानी में होती है. इस खेती के लिए तापमान को 15 से 25 डिग्री सेल्सियस के बीच रखा जाता है, जिसे मेंटेन करने के लिए फार्म में कूलर और पंखे लगाए जाते हैं

Recent Posts

Ganesh Meena is a digital marketing expert and content...