बसंत पंचमी, हिन्दू पंचांग के अनुसार, माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। यह त्योहार ज्ञान की देवी मां सरस्वती को समर्पित है। इस दिन, लोग मां सरस्वती की पूजा-अर्चना करते हैं और उनसे ज्ञान, बुद्धि और सद्बुद्धि का आशीर्वाद मांगते हैं।
बसंत पंचमी 2024:
- तिथि: 14 फरवरी, 2024
- शुभ मुहूर्त: सुबह 7:01 बजे से दोपहर 12:35 बजे तक
- पूजा का महत्व:
- ज्ञान और शिक्षा की देवी मां सरस्वती की पूजा
- बसंत ऋतु का आगमन
- विद्यार्थियों के लिए शुभ दिन
मां सरस्वती की मूर्ति या तस्वीर लाते समय रखें इन बातों का ध्यान:
- मूर्ति की मुद्रा: खड़ी मुद्रा में मां सरस्वती की मूर्ति अशुभ मानी जाती है।
- मूर्ति की स्थिति: टूटी हुई या खंडित मूर्ति घर में न रखें।
- तस्वीर की दिशा: वास्तु शास्त्र के अनुसार, मां सरस्वती की तस्वीर उत्तर दिशा में लगाना शुभ माना जाता है।
- अन्य सावधानियां:
- मां सरस्वती की मूर्ति या तस्वीर को स्वच्छ और पवित्र स्थान पर रखें।
- पूजा के दौरान दीप प्रज्वलित करें और फल, फूल, मिठाई आदि अर्पित करें।
- मां सरस्वती की आरती करें और “ॐ ऐं सरस्वत्यै नमः” मंत्र का जाप करें।
मां सरस्वती की पूजा विधि:
- स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- पूजा स्थान को स्वच्छ करें और चौकी लगाएं।
- मां सरस्वती की मूर्ति या तस्वीर चौकी पर स्थापित करें।
- फल, फूल, मिठाई, चंदन, दीप आदि अर्पित करें।
- मां सरस्वती की आरती करें।
- “ॐ ऐं सरस्वत्यै नमः” मंत्र का जाप करें।
- प्रसाद वितरित करें।
बसंत पंचमी के दिन कुछ विशेष कार्य:
- इस दिन, विद्यार्थी अपनी किताबें और अध्ययन सामग्री पूजा में रख सकते हैं।
- लोग पीले रंग के कपड़े पहनते हैं, जो ज्ञान और बुद्धि का प्रतीक है।
- लोग वसंत ऋतु के आगमन का जश्न मनाते हैं और पीले रंग के फूलों से घरों को सजाते हैं।
बसंत पंचमी ज्ञान और शिक्षा की देवी मां सरस्वती की पूजा का पवित्र त्योहार है। इस दिन, लोग मां सरस्वती से ज्ञान, बुद्धि और सद्बुद्धि का आशीर्वाद मांगते हैं। यदि आप भी इस शुभ दिन पर मां सरस्वती की पूजा करना चाहते हैं, तो उपरोक्त जानकारी आपके लिए उपयोगी होगी।
यह भी ध्यान रखें:
- यह जानकारी धार्मिक आस्थाओं पर आधारित है।
- किसी भी प्रकार की धार्मिक गतिविधि करने से पहले, अपने आध्यात्मिक गुरु या विद्वान से सलाह लेना उचित होगा