नौकरी की शुरुआत से ही कंपनी अपने कर्मचारियों की रिटायरमेंट की प्लानिंग करती है। इसके अलावा हम भी रिटायरमेंट के बाद इनकम जारी रखने के लिए काफी निवेश स्कीम में निवेश करते हैं। जब भी रिटायरमेंट स्कीम की बात करें तो कई लोग पीएफ या फिर ईपीएफ में निवेश करने का मश्वरा देते हैं।
बता दें इन दोनों स्कीम में गारंटीड रिटर्न मिलता है। इन दोनों ही स्कीम में निवेश से हम रिटायरमेंट के लिए एक तगड़ा फंड जमा कर सकते हैं। हर शख्स ज्यादा से ज्यादा पैसे सेव करना चाहता है। ऐसे में सवाल आता है कि क्या कर्मचारी ईपीएफ या फिर पीपीएफ दोनों में निवेश कर सकता है।
तो इसका जवाब है हाँ, एक कर्मचारी पीपीएफ और ईपीएफ दोनों ही जगह निवेश कर सकता है।
यह लेख आपको ईपीएफ और पीपीएफ दोनों स्कीम के बारे में विस्तृत जानकारी देगा और बताएगा कि इनमें निवेश कैसे करें।
ईपीएफ और पीपीएफ में निवेश:
ईपीएफ (Employees’ Provident Fund) और पीपीएफ (Public Provident Fund) दोनों ही भारत सरकार द्वारा संचालित लोकप्रिय रिटायरमेंट सेविंग स्कीम हैं।
ईपीएफ एक अनिवार्य स्कीम है, जिसके तहत नियोक्ता और कर्मचारी दोनों अपनी सैलरी का एक हिस्सा जमा करते हैं।
वहीं पीपीएफ एक स्वैच्छिक स्कीम है, जिसमें आप अपनी मर्जी से निवेश कर सकते हैं।
इन दोनों स्कीम में निवेश के फायदे:
- गारंटीड रिटर्न: दोनों स्कीम में आपको गारंटीड रिटर्न मिलता है, जो बाजार के उतार-चढ़ाव से प्रभावित नहीं होता है।
- कर लाभ: दोनों स्कीम में निवेश पर आपको कर लाभ मिलता है।
- रिटायरमेंट के लिए फंड: दोनों स्कीम आपको रिटायरमेंट के लिए एक बड़ा फंड बनाने में मदद करती हैं।
- टैक्स छूट: इन दोनों स्कीम में निवेश पर मिलने वाले ब्याज पर आपको टैक्स छूट मिलती है।
पीपीएफ और ईपीएफ में अंतर:
विशेषता | ईपीएफ | पीपीएफ |
---|---|---|
योगदान | अनिवार्य | स्वैच्छिक |
योगदानकर्ता | नियोक्ता और कर्मचारी | केवल कर्मचारी |
योगदान राशि | सैलरी का एक निश्चित प्रतिशत | आपकी मर्जी के अनुसार |
लॉक-इन पीरियड | 5 साल | 15 साल |
निकासी | कुछ शर्तों के साथ | कुछ शर्तों के साथ |
ब्याज दर | सरकार द्वारा निर्धारित | सरकार द्वारा निर्धारित |
अधिकतम निवेश | कोई सीमा नहीं | 1.5 लाख रुपये प्रति वर्ष |
कौन सी स्कीम बेहतर है?
यह आपके व्यक्तिगत लक्ष्यों और जरूरतों पर निर्भर करता है।
अगर आप:
- नौकरी करते हैं: तो ईपीएफ में निवेश करना आपके लिए फायदेमंद होगा।
- स्वरोजगारी करते हैं: तो आप पीपीएफ में निवेश कर सकते हैं।
- अधिक से अधिक रिटर्न चाहते हैं: तो आप पीपीएफ में निवेश कर सकते हैं।
- टैक्स बचाना चाहते हैं: तो आप दोनों स्कीम में निवेश कर सकते हैं।
यह भी ध्यान रखें कि:
- आप दोनों स्कीम में एक साथ निवेश कर सकते हैं।
- आप अपनी सुविधानुसार किसी भी स्कीम में निवेश शुरू या बंद कर सकते हैं।