आपने नेशनल पेंशन स्कीम के बारे में तो जरुर सुना होगा। आज हम आपकों PRAN कार्ड के बारे में बता रहे हैं।ये एक ऐसी स्कीम है जो निवेशकों को रिटायरमेंट के बाद हर महीने तय रकम पैंशन के रूप में देती है।इस स्कीम के तहत लाभ लेने के लिए आवेदकों को PRAN की आवश्यकता पड़ती है। पर्मानेंट रिटायमेंट अकाउंट नंबर एक 12 डिजिट का नंबर होता है. ये उन लोगों की पहचान करता है, जिन लोगों ने खुद को नेशनल पेंशन सिस्टम के तहत रजिस्टर्ड किया है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि PRAN कार्ड को केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारी रजिस्ट्रेशन करके नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड से ले सकते हैं। PRAN के तहत दो तरह के NPS अकाउंट आते हैं।
बता दें कि इस योजना में निवेश करने के बाद आप टियर वन के तहत आप पैसा नहीं निकाल सकते हैं। वहीं टियर टू के तहत आप पैसा निकाल सकते हैं। हालांकि इसमें इक्विटी निवेश पर रिटायमेंट के बाद एक बड़ा अकाउंट मिलता है।
PRAN कार्ड की क्या है आवश्यकता?
अगर आप भी PRAN बनाते हैं और इसके साथ ही आप NPS के सब्सक्राइबर भी है तो आपकों इसके लिए PRAN कार्ड की कॉपी रख लेनी चाहिए। जब कभी भी आप NPS के तहत आवेदन करते हैं तो आपकों इसके बाद PRAN की आवश्यकता पड़ती है। बता दें कि ये कार्ड एनपीएस एकाउंट होल्डर के लिए एक प्रकार से यूनिक आईडी की तरह काम करता है. इस कारण इसे चेंज नहीं किया जा सकता है।
आप अपने PRAN के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से ले सकते हैं।