एफडी भारतीय लोगों के निवेश का सबसे पसंदीदा विकल्प है। इसके मुताबिक आपकों एक फिक्स्ड अमाउंट बैंक के अन्दर में निवेश करना होगा। वो भी एक फिक्स्ड समय सीमा के लिए। उसके बाद आपकों एक ख़ास ब्याज अपने एफडी के ऊपर में मिलेगा। रिजर्व बैंक की ओर से रेपो रेट में कई बार बढ़ोतरी होने से बैंकों ने अपने एफडी ब्याज दर में इजाफा कर दिया है।
ऐसे में एफडी में निवेश करने के लिए यह अच्छा समय माना जा रहा है। सीनियर सिटीजन को एफडी पर 9 फीसदी तक की ब्याज दी जा रही है। जबकि आम नागरिकों को अधिकतम 7 से 7.5 फीसदी तक का ब्याज मिल रहा है।
अगर आप एफडी में निवेश करते हैं और किसी आपातकाल स्थिति में मैच्योरिटी से पहले ही पैसा निकाल लेते हैं तो आपकों बैकों के नियम के बारे में जान लेना चाहिए। हम यहां पर आपकों देश की कुछ प्रमुख बैंकों के नियम के बारे में बता रहे हैं। जान लीजिए इसके बारे में
अगर निकाल लेते हैं मैच्योरिटी से पहले पैसा? तो क्या है इसका नियम?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अधिकतर एफडी प्लान में निवेशकों अगर समय अवधि पुरा होने से पहले ही पैसा निकालना चाहें तो इसके लिए विकल्प दिया जाता है। हालंकि इसके तहत आपकों कुछ जुर्माने का भुगतान करना होगा।
आप बैंक या NBFC की नजदीकी ब्रांच, मोबाइल ऐप, नेट बैंकिंग या फिर किसी अन्य जगह से एफडी शुरू की है तो वहां से अपने एफडी को बंद कर सकते हैं। बता दें कि ये जुर्माना 0.5 प्रतिशत से लेकर 3 प्रतिशत तक हो सकता है।